बहादुरपुर के फुटपाथ पर लगने वाला हाट-बाजार,  दुर्घटनाओं को कर रहा है आमंत्रित 

बहादुरपुर के फुटपाथ पर लगने वाला हाट-बाजार,  दुर्घटनाओं को कर रहा है आमंत्रित 
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बक्सपुरा शेड पर हाट-बाजार को शिफ्ट कराने के लिए प्रशासन गंभीर: सीओ जरीडीह 

Bokaro/Jenamore:
 जरीडीह प्रखंड अंतर्गत बहादुरपुर क्षेत्र में बोकारो-रामगढ़ मुख्य पथ के फुटपाथ पर प्रत्येक शुक्रवार को साप्ताहिक हाट-बाजार सजता है. इस दौरान सड़क पर भीड़भाड़ रहती है. सडक किनारे फुटपाथ पर साप्ताहिक बाजार लगने के कारण खरीदार अपनी साईकिल, मोटरसाइकिल, चारपहिया जैसे वाहन सड़क पर ही खड़ा कर देते हैं. जिस वजह से यहां सड़क संकीर्ण हो जाता है. नतीजतन जाम की स्थिति बन जाती है. ऐसे में वाहनों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं, नेशनल हाईवे होने के कारण वाहन की गति तेज होती है. ऐसे में अनहोनी की आशंका बनी रहती है. जबकि इस मार्ग से हर दिन जिम्मेवार पदाधिकारियों का आवागमन होता है. फिर भी इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए कभी भी किसी पदाधिकारी ने पहल नहीं की.
बक्सपुरा गांव में बने शेड पर स्थानांतरण की मांग पर मौन है प्रशासन –
स्थानीय समाजसेवी, बुद्धिजीवी एवं विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े नेता हाट को बक्सपुरा में निर्मित शेड में स्थानांतरण करने की मांग की है. ताकि भविष्य में होने वाली संभावित दुर्घटना को रोका जा सके. हाट-बाजार के लिए लाखों की लागत से बक्सपुरा गांव समीप बने शेड का निर्माण बहुत पहले हो चुका है . परंतु अभी तक प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की मांग को दरकिनार किया जा रहा है. कम से कम प्रशासन द्वारा सुरक्षा दृष्टिकोण से इतना तो किया ही जा सकता था, कि साप्ताहिक बाजार के समय भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाए. समय रहते प्रशासन इस दिशा में पहल नहीं करती है, तो कभी भी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
लाखों की लागत से बना शेड खंडहर में हो रहा तब्दील-
बहादुरपुर मुख्य सड़क के फुटपाथ पर हर सप्ताह लगने वाली हाट-बाजार में ग्रामीण क्षेत्र के किसान एवं व्यापारी साग-सब्जी के अलावे अन्य दुकानें लगाते हैं. साप्ताहिक बाजार होने के कारण ऐसे दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगती है. जबकि यहां से कुछ ही दूरी पर ऐसे दुकानदारों के लिए शेड व सामान रखने के लिए छोटे-छोटे शेड भी बनाया गया है. लेकिन दुर्भाग्यवश शेड निर्माण के बाद एक दिन भी यहां पर हाट-बाजार नहीं लग सका है. लाखों रुपए खर्च कर बना शेड ठेकेदारी प्रथा का भेंट चढ़ता महसूस हो रहा है. अब शेड भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. समय रहते इस शेड को व्यवस्थित कर संचालित नहीं किया गया तो एक ओर जहां शेड खंडहर में तब्दील हो जाएगा. वहीं दूसरी ओर सड़क किनारे लगने वाले इस बाजार के कारण आम जनों को होने वाली परेशानी से निजात नहीं मिलेगा.
शेड तक पहुंचाने के लिए रैयती जमीन बना अड़चन, शेड में बाजार शिफ्ट करने के लिए जारी है प्रयास- 
इस संबंध में जरीडीह सीओ प्रणव ऋतुराज ने कहा कि इस हाट-बाजार को शेड पर स्थानांतरित करने के लिए हम सभी गंभीर हैं. शेड तक पहुंचाने के लिए रैयती जमीन अड़चन है. स्थानीय कमेटी तथा रैयत से बात कर समाधान का रास्ता निकाला जा रहा है. वहीं, शेड व आसपास उगी झाड़ियां की साफ-सफाई तथा थोड़ा बहुत आवश्यक काम करने के लिए पत्राचार आदि किया गया है. चुनाव के बाद हाट-बाजार स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है.

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