कल्पना और कैंची का एनडीए के पास नहीं दिखा विकल्प 

कल्पना और कैंची का एनडीए के पास नहीं दिखा विकल्प 
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स्टार प्रचारकों की फौज के बाद भी नहीं खिला फल-फूल

Ranchi/Bokaro :
झारखण्ड विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ. कैंची की धार से सबसे अधिक नुकसान फल और फूल को हुआ. इधर कल्पना की जबरदस्त उड़ान से कार्यकर्ताओं और समर्थकों जोश मिला. इंडिया को निखार मिला. मईंया योजना और हेमंत की हिम्मत जनता को पसंद आई. मतगणना की शाम ढलते-ढलते झारखण्ड का बड़ा हिस्सा इंडिया के साथ झूम उठा. बोकारो जिला के चार विधानसभा सीटों में से जहां तीन पर एनडीए की पकड़ थी. वहां जनता ने इस बार बोकारो के चार में से तीन विधानसभा क्षेत्र में एनडीए को तीसरे स्थान पर धकेल दिया. इस चुनाव के प्रचार के लिए भाजपा ने सबसे अधिक स्टार प्रचारकों की टीम उतारी थी. लेकिन भाजपा को इससे वो लाभ नहीं मिल सका. जिसकी उम्मीद पार्टी को थी.
कैंची की धार का मार :
लोगों की माने तो इस चुनाव में जयराम (झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा) की कैंची ने सबसे ज्यादा फल और फूल को कतरने का काम किया. स्थिति यह रही भी आजसू मात्र एक सीट ही जीत सकी. जबकि भाजपा को 21 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. अब एनडीए को कैंची से मिले जख्म को भरने के लिए नई सिरे से विचार-विमर्श करना पड़ेगा. झारखण्ड वासियों की अपेक्षा अनुसार रणनीति में बदलाव करना पड़ेगा.
कल्पना मुर्मू सोरेन का विकल्प नहीं :
 2024 के लोकसभा चुनावों से मैदान में उतरी कल्पना मुर्मू सोरेन की राजनीति में जबरदस्त इंट्री, एनडीए खेमे के लिए परेशानी का सबब रहा. झारखण्ड वासियों के बीच कल्पना की उड़ान का एनडीए खेमा के पास कोई तोड़ नहीं दिखा. जबकि कल्पना राजनीति में नई खिलाड़ी होने बाद भी पार्टी कार्यकर्ताओं, समर्थकों तथा आम जनता के बीच अपने अंदाज के लिए काफी लोकप्रिय रही. इसके अलावा हेमंत सरकार द्वारा यहां की जनता के हित में उठाए कदम की भी काफी चर्चा रही. इसके अलावा क्षेत्रीय मुद्दे, प्रत्याशी व अन्य कई कारण भी रहा, जिसकी वजह से इंडिया को लाभ और एनडीए डैमेज हुआ.

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