प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस: एक अद्वितीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा

प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस: एक अद्वितीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा
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New Delhi/ Ranchi :  भारत की गौरवमयी धरोहर और अद्वितीय संस्कृति का अनुभव करने के लिए विदेशों में बसे भारतीयों के लिए “प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस” एक शानदार अवसर साबित हो रहा है। यह यात्रा न केवल पर्यटन है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सफर है, जो भारत की गहरी जड़ों से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। विदेश मंत्रालय (MEA) और भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) द्वारा शुरू की गई यह विशेष पहल, प्रवासी भारतीयों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने के उद्देश्य से बनाई गई है।

यात्रा की शुरुआत: दिल्ली से एक नया सफर प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस की पहली यात्रा 9 जनवरी 2025 को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से शुरू हुई। इस ऐतिहासिक यात्रा में 27 देशों से आए 150 विशिष्ट अतिथि शामिल हुए, जो भारत के विभिन्न धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का दौरा करेंगे। दिल्ली से शुरुआत करते हुए, यह यात्रा भारत के छह राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के माध्यम से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भूमि का अन्वेषण करती है।

दिल्ली: भारत की राजनीति और इतिहास की धड़कन

संसद भवन

यात्रा का पहला पड़ाव दिल्ली है, जो भारत की राजनीति और इतिहास का केंद्र है। यहाँ, प्रतिभागी संसद भवन और राष्ट्रपति भवन का भ्रमण करेंगे, जो भारतीय लोकतंत्र और शासन व्यवस्था का प्रतीक हैं। इसके बाद, इंडिया गेट की ओर रुख किया जाएगा, जो हमारे शहीद सैनिकों की याद में बना एक ऐतिहासिक स्थल है। इसके साथ ही, लोटस टेम्पल की यात्रा, जो भारत में विभिन्न धर्मों की एकता का प्रतीक है, भी उन्हें एक अलग आध्यात्मिक अनुभव देगा। दिल्ली की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व को महसूस करते हुए, यह यात्रा नई दिल्ली के दिल में बस जाएगी।

इंडिया गेट

अयोध्या: राम की जन्मभूमि पर धार्मिक यात्रा

इसके बाद, यात्रा अयोध्या की ओर बढ़ेगी, जो भारतीय हिंदू धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहाँ, श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दर्शन एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव होगा, जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक श्रद्धेय स्थल है। साथ ही, हनुमान गढ़ी मंदिर और सरयू नदी के किनारे की प्रार्थना और आरती का अनुभव यह यात्रा और भी पवित्र बना देगा। यह स्थल भारतीय धार्मिक इतिहास और संस्कृतियों के एक अद्वितीय मिलन का प्रतीक है।

हनुमान गढ़ी मंदिर 
प्रभु श्रीराम लाला

 

 

 

 

 

वाराणसी: गंगा की आरती और भगवान शिव की कृपा   अब बारी है वाराणसी की, जिसे भारत की धार्मिक राजधानी कहा जाता है। यहाँ, प्रतिभागी

काशी विश्वनाथ मंदिर

गंगा आरती

में भगवान शिव के दर्शन करेंगे, और गंगा घाट पर होने वाली आकर्षक गंगा आरती से गहरे आध्यात्मिक अनुभव का सामना करेंगे। इसके साथ ही, सारनाथ की यात्रा होगी, जहाँ भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। यह अनुभव उन सभी को भारत की प्राचीन धार्मिकता और संस्कृति के अद्भुत पहलुओं से जोड़ेगा।

पटना: बौद्ध धर्म की गहरी छाप

पटना साहिब गुरुद्वारा

पटना में यात्रा के दौरान, प्रतिभागी बुद्ध स्मृति पार्क का दौरा करेंगे, जहाँ भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं का अहसास होगा। साथ ही, पटना साहिब गुरुद्वारा भी उन्हें सिख धर्म की गहरी जानकारी देगा। यह स्थल भारतीय धार्मिक विविधता का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

गया: बोधगया का अद्वितीय अनुभव

महाबोधि मंदिर

इसके बाद, यात्रा गया की ओर बढ़ेगी, जहाँ बोधगया स्थित है, जहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। महाबोधि मंदिर और बुद्ध की 80 फीट ऊंची प्रतिमा का दर्शन भारतीय संस्कृति और इतिहास का गहरा अनुभव प्रदान करेगा। यह स्थल भारतीय बौद्ध धर्म की जड़ों को समझने का अनमोल अवसर है।

विष्णुपद मंदिर

 

विष्णुपद मंदिर

मान्यता है कि भगवान विष्णु ने इसी स्थान पर दैत्य गयासुर की छाती पर पांव रख कर उसका वध किया था। जब भगवान विष्ण ने गयासुर को अपने पांव से धरती के अंदर धकेला तो इस चट्टान पर उनके पांव के चिन्ह बन गए। विष्णुपद मंदिर में भगवा के पदचिह्नों का श्रृंगार रक्त चंदन से किया जाता है। इस पर गदा, चक्र, शंख अंकित किए जाते हैं। विष्णुपद मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इंदौर की रानी देवी अहिल्या बाई होल्कर ने 1787 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था।

चेन्नई और महाबलीपुरम: दक्षिण भारत की स्थापत्य कला

महाबलीपुरम

चेन्नई में, दक्षिण भारत की अद्भुत संस्कृति और वास्तुकला का अनुभव होगा। फिर, महाबलीपुरम की यात्रा, जहां यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त प्राचीन द्रविड़ वास्तुकला के उदाहरण जैसे शोर मंदिर देखे जाएंगे। यह यात्रा प्रतिभागियों को दक्षिण भारत के सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है।

रामेश्वरम: भगवान राम की भूमि

रामेश्वरम: भगवान राम की भूमि

अब बारी है रामेश्वरम की, जहाँ रामनाथस्वामी मंदिर का दर्शन होगा, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर अपने भव्य गलियारों और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से धनुष्कोडी की ओर भी एक आध्यात्मिक यात्रा होगी, जो एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है।

मदुरै: मीनाक्षी अम्मन मंदिर का अनुभव

मदुरै: मीनाक्षी अम्मन मंदिर का अनुभव

मदुरै का मीनाक्षी अम्मन मंदिर, अपनी 17वीं सदी की द्रविड़ स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का दर्शन एक सांस्कृतिक और धार्मिक यात्रा का अभिन्न हिस्सा है, जो भारतीय कला और वास्तुकला के अद्भुत उदाहरणों को प्रस्तुत करता है।

कोच्चि: मसालों और समृद्ध संस्कृति की यात्रा

कोच्चि, जो “मसालों का शहर” के नाम से प्रसिद्ध है, की यात्रा में फोर्ट कोच्चि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर और चीनी मछली पकड़ने के जाल का अनुभव मिलेगा। यहाँ कोच्चि हार्बर में बोट राइड करते हुए प्रतिभागी क्षेत्र की खूबसूरती का आनंद लेंगे। यह स्थल भारतीय व्यापार और सांस्कृतिक मिलन का बेहतरीन उदाहरण है।

गोवा: समुद्र तट और पुर्तगाली धरोहर का संगम

 

गोवा में, समुद्र तटों की खूबसूरती के साथ-साथ बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस का दर्शन होगा, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यहाँ के प्राचीन चर्च और रंगीन संस्कृति का अनुभव यह यात्रा और भी रोमांचक बनाएंगे।

केवड़िया: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का गौरव

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा होगा, जो भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में बनाई गई है। यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है और भारतीय एकता का प्रतीक है।

अजमेर और पुष्कर: सूफी और धार्मिक शांति

अजमेर में, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का दर्शन होगा, और पुष्कर में पुष्कर झील और अन्य धार्मिक स्थलों का दौरा किया जाएगा। यह स्थल पूरी यात्रा को आध्यात्मिक शांति और दिव्यता का अहसास कराएगा।

आगरा: ताजमहल का अद्भुत सौंदर्य

यात्रा का अंतिम पड़ाव आगरा होगा, जहाँ ताजमहल का दर्शन होगा, जो प्रेम और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। यह यकीनन इस यात्रा का सबसे शानदार और यादगार अनुभव होगा।

समाप्ति:
“प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस” एक अद्वितीय सांस्कृतिक यात्रा है, जो भारत की समृद्ध विरासत, आध्यात्मिकता और इतिहास को जीने का अवसर प्रदान करती है। इस यात्रा में भाग लेने वाले लोग सिर्फ भारत के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा नहीं करते, बल्कि यह यात्रा उनकी आत्मा को भी समृद्ध करती है। यह यात्रा भारत और उसके प्रवासी परिवार के बीच एक मजबूत सांस्कृतिक पुल बनाती है, जो लंबे समय तक याद रहेगा।

आइए, प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस के साथ भारत की संस्कृति, इतिहास और गौरव का अनुभव करें!

 

 

 

 

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