NJCS यूनियनों के कार्य प्रणाली पर बीएकेएस ने उठाया प्रश्न
अनसुलझे मुद्दों की सूची बता रहा उनकी विफलता की कहानी : हरिओम
Bokaro :
बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने एनजेसीएस यूनियनो तथा उसके नेताओं की नाकामी का पोल खोला है. सेल प्रबंधन के साथ साँठ गाँठ कर कर्मचारियों को लगातार नुकसान करा रहे यूनियनो को आईना दिखाया गया है. बीएकेएस अध्यक्ष हरिओम ने कहा कि NJCS यूनियन तथा उसके नेता कर्मचारियों के लिए कार्य नहीं करते है, बल्कि सेल प्रबंधन को फायदा पहुँचाने के लिए कार्य करते है. कर्मचारियों के बगैर हल हुए मुद्दों की सूची, एनजेसीएस यूनियन तथा उसके नेताओं की विफलता कहानी बता रहा है.
एनजेसीएस यूनियनो तथा उसके नेताओं की नाकामी से नुकसान की सूची —
1 . समय पर वेज रीविजन नहीं करना — 2001 (1997) वेज रीविजन से प्रत्येक रीविजन को 4—8 साल लेट किया जा रहा है , जिसके कारण कर्मचारियो को कई नुकसान उठाना पड़ रहा है.
(क) पर्क्स का एरियर — गैर निर्वाचित नेताओं का समुह वेज रीविजन समझौते पर सरकार के मंजूरी मिलने के दिन से पर्क्स में वृद्धि को प्रभावी करता है. जिसके कारण सेल NoN Ex को पर्क्स का एरियर का भुगतान नहीं किया जाता है, जबकि सेल के अधिकारी तथा पीएसयु के कर्मचारियों को पर्क्स का एरियर का भुगतान किया जाता है.
(ख) वेज रीविजन लेट से ब्याज का नुकसान — समय पर वेज रीविजन नहीं करने से बढ़ा हुआ वेतन तथा एरियर नहीं दिया जाता है, जिसका ब्याज का फायदा मैनेजमेंट को तथा कर्मचारियों को नुकसान होता है.
2 . मुद्दों का भरमार परंतु एनजेसीएस मीटिंग पुरे वर्ष में एक या दो ही आयोजित किया जाता है.
292 वीं NJCS मीटिंग — 20—21 अक्टूबर 2021
293 वीं एनजेसीएस मीटिंग — 19 जुलाई 2022
294वीं एनजेसीएस मीटिंग — 20 जनवरी 2024
3 . फिटमेंट बेनिफिट का लाभ (MGB ) को दूसरे प्रमुख महारत्ना कंपनियो के तर्ज पर 15% नहीं करना
4 . पर्क्स प्रतिशत को 35% नहीं दिलाना
5 . 39 माह का फिटमेंट एरियर का भुगतान नहीं होना
6 . 58 माह का पर्क्स एरियर का भुगतान नहीं होना
7 . अधिकारियों के तर्ज पर हाउस पर्क्युजीट मद में 50% आयकर टैक्स का छुट नही दिलवाना
8 . ग्रेज्यूटी सीलिंग करवाकर, ग्रेज्यूटी को फिक्सड करवाने से प्रत्येक कर्मचारी 5 लाख से लेकर 12 लाख रुपया तक नुकसान करवाना
9 . अधिकारियों का पेंशन को 2007 से लागु करवाना तथा कर्मचारियों के पेंशन को 2012 से लागु करवाना पेंशन अंशदान में भी भेदभाव करना. जनवरी 2012 से लेकर अक्टूबर 2021 तक अधिकारी वर्ग को 9% (लाभ में ), 3% (घाटे में) के बदले कर्मचारियो को क्रमशः 6% और 2% ही लाभ देना.
10 . छुट्टियों में भारी भेदभाव करवाना
11 . वेतन समझौता विलम्ब के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई हेतु दो विशेष इंक्रिमेंट का भुगतान नहीं होना
12 . बंद नन सैचुअरिटी बेनिफिट जैसे आवास ऋण, वाहन ऋण को दुसरे महारत्ना कंपनियो के समतुल्य नही होना
13 . फेस्टीवल एडवांश की राशी को एक महिने की डीए बेसिक के बराबर नहीं किया जाना
14 . कर्मियों के बच्चों को मिलने वाले स्कॉलरशीप को रिवाईज्ड नहीं किया जाना
15 . लैपटॉप एडवांश , फर्निचर एडवांश को शुरु नही किया जाना
16 . बच्चों की उच्च शिक्षा हेतु शिक्षा ऋण का प्रावधान नहीं होना
17 . सेल की जमीन पर संचालित होने वाले निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले कर्मियों के बच्चों का शुल्क केंद्रीय विद्यालय द्वारा तय की गई दर नहीं होना अथवा केंद्र सरकार के तर्ज पर शिक्षा भत्ता का भुगतान नहीं होना
18 . ट्रेनिज कर्मचारियों को मैनेजमेंट ट्रेनिज के तर्ज पर प्रशिक्षण अवधी में डीए बेसिक का भुगतान नहीं होना.
19 . जिस तरह अधिकारी वर्ग को नियुक्ति तथा पदनाम में नवरत्ना कंपनियों के मुकाबले एक ग्रेड का अतिरिक्त लाभ दिया गया है, उसी तरह नवरत्न स्टील पीएसयू RINL में नियुक्ति ग्रेड तथा लागू पदनाम को सेल कर्मिर्यो हेतु एक ग्रेड अपग्रेड नहीं होना. सेल कर्मियों को महारत्ना स्टेटस का लाभ नहीं मिलना.
20 . पर्क्स एरियर का पूर्ण भुगतान के बाद ही एलटीसी / एलएलटीसी राशी की कटौती पर रोक नहीं लगवाना.
21 . औधोगिक विवाद अधिनियम 1947 का अध्याय 2 का तीसरा बिंदु जिसमे साफ लिखा है कि नियोजित कर्मकारों के प्रतिनिधियों की समिति के द्वारा ही मैनेजमेंट का बँटवारा होगा, जबकि एनजेसीएस में 25 में से मात्र 5 प्रतिनिधि ही लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित है. वहीं 25 में से 12 प्रतिनिधि बाहरी तथा सेवानिवृत व्यक्ति है.
22 . इस्को, बीएसएल, एएसपी, डीएसपी, सीएफपी चंद्रपुर से बगैर सदस्यता वेरिफिकेशन या गुप्त मतदान प्रणाली द्वारा युनियन चयन नहीं होना. फिर भी अवैध व्यक्तियों को प्रतिनिधियों को रिकॉगनाईजेशन का लाभ देने पर रोक नहीं लगाना.
23 . एचआरए को शुरु नहीं करना — कंपनी का लगभग सभी आवास/क्वाटर्र अपनी आयु पूरी कर चुका है. आवास और शहरी मंत्रालय की रिपोर्ट अनुसार सीमेंट से बने आवासों की आयु 40 साल होती है. वहीं कंपनी के आवासों का लगातार अनुरक्षण भी नहीं होता है. वहीं कंपनी आवास का क्षेत्रफल /डिजाईन भी आधुनिक जरुरतों को पूरा करने हेतु पर्याप्त नहीं है.
24 . होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस , गुरुनानक जयंती, दुर्गा पूजा, मई दिवस जैसे त्योहारों के दिन ड्युटी करने पर एक अतिरिक्त दिवस का वेतन भुगतान नहीं करवा पाना. सेल के कोलियरी में यह सुविधा पहले से लागू है. उस दिन अधिकतर अधिकारी भी छुट्टी पर रहते है.
25 . नीड बेस की जगह पर सभी कार्यरत कर्मचारियो को मोबाईल खरीदने तथा बात करने हेतु सीम या मोबाइल भत्ता (एक माह का इंटरनेट तथा कॉलिंग पैक) शुरु नहीं करवाना.