BSL में रिकॉगनाईज्ड यूनियन का चुनाव करवाने के लिए बीएकेएस ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
बोकारो:
स्थापना काल से बोकारो इस्पात संयंत्र में सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से यूनियनों की सदस्यता सत्यापन नहीं होने के मुद्दे पर बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने राँची High Court का दरवाजा खटखटाया. न्याय की आस में मुकदमा दायर किया. ये जानकारी बीएकेएस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी. बताया कि अपने वकील के माध्यम से बीएकेएस ने न्यायालय से सबंधित पक्षो को निर्देश देने का आग्रह किया है. ताकि बीएसएल में सभी यूनियनो का सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से सदस्यता वेरिफिकेशन हो सके. गौर तलब है कि बोकारो इस्पात संयंत्र में वर्तमान में किसी भी यूनियन को रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन का दर्जा प्राप्त नहीं है. इस बाबत बीएकेएस ने कई बार सीएलसी और डीएलसी को पत्र लिखा था. लेकिन किसी भी पक्ष द्वारा संज्ञान नहीं लेने पर अंत में न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया गया.
इस दौरान संघ अध्यक्ष हरि ओम ने कहा कि बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा खुलेआम आई एक्ट 1947 का घोर उल्लंघन किया जा रहा है. जो कि आईडी एक्ट के अनुसूची v के अनुसार अनफेयर लेबर प्रैक्टिस की श्रेणी में आता है. अनफेयर लेबर प्रैक्टिस के मामले पर हमारी यूनियन अलग से मुकदमा दायर करेगी
दर्ज मुकदमें में यूनियन द्वारा उठाया गया तथ्य
बगैर सदस्यता सत्यापन के ही 7 यूनियनो को वाईबल यूनियन का मान्यता देना. झारखण्ड श्रम विभाग में बगैर निबंधन के ही कुछ यूनियनो को वाईबल यूनियनो के रुप मे मान्यता देना. बगैर किसी यूनियन के ही एक खास व्यक्ति को रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन लीडर का लाभ देना. बगैर दस्तावेज के ही एक युनियन के खास गुट को पीएफ कमेटी, कैंटीन कमेटी, सुरक्षा कमेटी में स्थान देना. बोकारो इस्पात संयंत्र मे कर्मचारियो या उनके प्रतिनिधियों को साथ लेकर, ज्वाईंट वर्क्स काउंसिल, शिकायत निवारण कमेटी का गठन नही करना. कर्मचारी कल्याण कमेटी, आवास आवंटन कमेटी का गठन नही करना.