बोकारो में मोटा अनाज बना हर वर्ग की पहली पसंद

बोकारो में मोटा अनाज बना हर वर्ग की पहली पसंद
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  • 35 रुपये जौ और 50 रुपये मडुआ मिल रहा है बाजार में
    जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं सामाजिक संगठन

बोकारो: बदलते समय के साथ जहाँ खानपान में नई-नई चीज़ें शामिल हो रही हैं, वहीं मोटा अनाज एक बार फिर से लोगों की थाली में खास जगह बना रहा है। बोकारो में यह सिर्फ गरीबों का भोजन नहीं रह गया, बल्कि अमीर वर्ग के बीच भी लोकप्रिय हो रहा है। इसकी बिक्री माल में हो रही है तो आम लोगों का बाजार दुंदीबाजार में भी मोटा अनाज जैसे मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और कोदो अब भोज्य पदार्थों में सेहतमंद विकल्प के रूप में बिक्री हो रहा है। यहां लोग पहुंचकर इच्छा के साथ मोटा अनाज खरीद रहे हैं या अलग-अलग आटा लेकर मिक्स करा रहे हैं। मोटा अनाज की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह किफायती है और हर वर्ग के लोग इसे आसानी से खरीद सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में तो यह पहले से ही लोगों के आहार का हिस्सा था, लेकिन अब शहरी क्षेत्रों में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। बोकारो के माल और स्थानीय मंडियों में मोटे अनाज से बने बिस्किट और अन्य उत्पाद तेजी से बिक रहे हैं।
स्वास्थ्य पर पड़ रहा सकारात्मक प्रभाव : मोटा अनाज के बढ़ते उपयोग के पीछे उसका पोषण से भरपूर होना मुख्य कारण है। विशेषज्ञों के अनुसार, मोटे अनाज में प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके नियमित सेवन से डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोग जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। साथ ही, इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

स्वास्थ्य पर पड़ रहा सकारात्मक प्रभाव:
मोटा अनाज सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके सेवन से डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोग जैसी बीमारियों से बचाव होता है। साथ ही, इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है।

सरकार की पहल और जागरूकता अभियान:
सरकार भी मोटा अनाज के उत्पादन और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है। कृषि विभाग और स्थानीय प्रशासन किसानों को इसके उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग मोटा अनाज के फायदों के बारे में अधिक जान सकें।

मोटा अनाज की खेती के प्रति बढ़ा रुचि: मोटा अनाज केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव ला रहा है। यह किसानों के लिए आय का बेहतर स्रोत बन रहा है और समाज में सेहतमंद जीवनशैली को प्रोत्साहित कर रहा है।

मोटा अनाज के फायदे:  मोटा अनाज न केवल पोषण से भरपूर होता है, बल्कि यह पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। लोग अब इसे अपनी डाइट में शामिल करने के लिए रोटी, दलिया, और स्नैक्स के रूप में उपयोग कर रहे हैं।

होटल और रेस्तरां में भी मोटा अनाज:
बोकारो के कई होटलों और रेस्तरां में भी मोटा अनाज के व्यंजन अब मेन्यू में शामिल किए जा रहे हैं। विक्रम सनद, जायका रिसॉर्ट के मालिक ने बताया, “हमने मक्का की रोटी, बाजरे की खिचड़ी और रागी डोसा जैसे व्यंजन पेश किए हैं, और लोग इन्हें काफी पसंद कर रहे हैं।”

विक्रेताओं की बात:
जितेन्द्र कुमार, दुंदीबाजार के विक्रेता, कहते हैं, “पहले कुछ लोग ही इसे खरीदते थे, अब लगभग सभी लोग इसे खरीद रहे हैं। कोई आटा लेता है, तो कोई खड़ा अनाज लेकर मिक्स कराता है।”

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