तीन माह में NJCS में सुधार पर निर्णय ले इस्पात मंत्रालय- High Court दिल्ली
Bokaro:
बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ द्वारा एनजेसीएस में सुधार करने पर लगातार पत्र देने के बावजुद इस्पात मंत्रालय द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया. इसके बाद बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिस पर माननीय न्यायमुर्ती संजीव नरुला ने इस्पात मंत्रालय को तीन माह में इस्पात मंत्रालय को यूनियन के माँगों तथा सुझावों पर कदम उठाने का फैसला सुनाया.
इधर, बीएकेएस अध्यक्ष हरिओम ने कहा कि एनजेसीएस को बगैर निर्वाचित नेताओं के समूह ने कब्जा कर लिया है. जो मैनेजमेंट के इशारे पर लगातार कर्मचारी विरोधी समझौते कर रहें हैं. सेल प्रबंधन भी लगातार एनजेसीएस संविधान का उल्लंघन कर फैसलों को लागू करते जा रही है. कार्यपालिका (इस्पात मंत्रालय ) की असफलता ने हमे न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर कर दिया. कहा कि यूनियन की माँगो पर कोई सकारात्मक कदम नही उठाया जाता है तो यूनियन न्यायालय में पुनः आपत्ती दर्ज करा सकती है.
यूनियन द्वारा की गई माँग :-
1 . एनजेसीएस में सिर्फ सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियनो के प्रतिनिधि ही भाग ले.
2 . एनजेसीएस में ट्रेड यूनियनो के नॉमिनेटेड प्रतिनिधियों के मनोयन की प्रथा बंद की जाय.
3 . एनजेसीएस मीटिंग का वार्षिक कैलेण्डर जारी किया जाय.
4 . एनजेसीएस मीटिंग का एजेंडा पहले ही सार्वजनिक किया जाय.
5 . एनजेसीएस में सेल की सभी यूनिटो से सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से नीर्वाचित यूनियनो को प्रतिनिधित्व दिया जाय. जिसमें माईंस, एसआरयु, सीएमओ, आदि छोटी यूनिट भी हो.
6 . एनजेसीएस मीटिंग होटलो की जगह सेल की यूनिटो के गेस्ट हाउस /अतिथि गृह , निवासो में आयोजित किया जाय.
7 . एनजेसीएस में पारदर्शिता रखने के लिए एनजेसीएस को सूचना का अधिकार के दायरे में लाया जाय.